5 मार्च से सोना machinery IPO, कितने करोड़ इकट्ठा करने का है प्लान…lot size, रिजर्व हिस्से की ये है details 

सोना machinery IPO: साल 2019 में सोना machinery की शुरुआत हुई थी। सोना मिशनरीज के आईपीओ में मिनिमम लोट साइज 1000 शेयर्स बोली लगाने के लिए रखा गया है। आईपीओ से होने वाली कमाई में से 55% हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए पूंजीगत खर्च के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा और यह मैन्युफैक्चरिंग यूनिट गाजियाबाद में लगाया जाएगा। सोना मिशनरीज के बनाए गए प्रोडक्ट EXPORT भी किए जाते हैं।  

Sona machinery IPO: सोना मशीनरी का IPO 5 मार्च को खुलने वाला है। इस इश्यू से 51.82 करोड रुपए जताने का कंपनी का प्लान है। 7 मार्च को यह IPO Close कर दिया जाएगा और 13 मार्च को Shares की Listing NSE SME पर होगी। सिर्फ 36.24 लाख नए Shares इस IPO में जारी किए जाएंगे। इस IPO का price band 136 से 143 रुपए per share तय किया गया है। Hem Securities Limited इस IPO का बुक runnig lead manager है जबकि Maashitla Securities Private Limited registrar है। और Hem Finlease market maker है।

वायु नरेन और श्वेता बैसला company के प्रमोटर है । सोना machinery IPO में minimum lot साइज 1000 shares बोली लगाने के लिया रखा गया है। फिलहाल company में promoter की हिस्सेदारी 100% है लेकिन IPO के बाद यह हिस्सेदारी घटकर 73.59% रह जायेगी। qualified institutional buyer के लिए IPO का 50% का हिस्सा reserve है,Retail investors के लिए 15% और Non institutional investors के लिए 15% हिस्सा reserve है।

सोना machinery क्या बनाती है?

कंपनी साल 2019 में शुरू हुई थी। खेती में काम आने वाली मशीनों को यह कंपनी बनाती है जिसमें दाल, चावल, मसाला, गेहूं आदि की processing की machinery इसमें शामिल है। Grain Pre-Cleaner Machines, Rotary Drum Cleaner, Vibro Classifier, Stone Separator Machines, Paddy De-Husker, Husk Aspirator, Rice Thick/Thin Grader, Rice Whitener, Silky Polisher, Multi Grader, Length Grader जैसी machinery यह कंपनी बनाती है। इन products का export भी होता है।

Sona machinery IPO के पैसे का कहां USE होगा

आईपीओ से होने वाली कमाई में से 55% हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए पूंजीगत खर्च के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा और यह मैन्युफैक्चरिंग यूनिट गाजियाबाद में लगाया जाएगा। गाजियाबाद में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की लगाए जाने के लिए 29 करोड रुपए खर्च किया जाएगा। मशीनरी खरीदने के लिए जो कर लिया गया था उसको चुकाने के लिए कमाई के 4 प्रतिशत हिस्से का इस्तेमाल किया जाएगा और बाकी बचे हुए पैसे Normal कॉरपोरेट Goals के लिए use किए जाएंगे।

Disclaimer:

यहां दी गई जानकारी केवल सूचना पहुंचने के लिए है। मार्केट में invest करना वित्तीय जोखिमों से भरा हुआ है। निवेश करने से पहले experts की सलाह लें।

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